Saturday, January 2, 2010

नव वर्ष में तेरे सपनो को
उन्मुक्त अनंत आकाश मिले
हर खवाब तुम्हारे पूरे हो
जगत में हर सम्मान मिले

कोई राह तुझे न वीरान मिले
तेरे राह को एक अंजाम मिले
चेहरे पे नहीं दिल में भी हो
ऐसी तुझे मुस्कान मिले


हर सुबह तेरी उम्मीद भरी
हर शाम जय जयकार मिले
हर रात तुम्हारी नींदों में
सपनो को नया आयाम मिले

बदल सके जो दुनिया को
ऐसी सोच का वरदान मिले
डिगा ना सके जिसको कोई
पर्वत जैसा अभिमान मिले

गर्व कर सके माँ बाप हरदम
ऐसा तुझे इनाम मिले
कर जाये आई आई टी इसी साल
सबका ऐसा आशीर्वाद मिले


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